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तेरे दामन में

    तेरे दामन में 

तेरे दामन में फिर इक बार सर रखकर सोया... सच पूछो तो फिर मैने अपना आपा खोया..

कितनी फरियादे करती रही बेजूबाँ आँखे तेरी... है एक एक लब्ज मैने अपने अश्को में भीगोया

डर जाता हूँ तेरी पाक महोब्बत के सदके मैं... छीना जिंदगीने बहुत सूखी-आंखे उतना हूँ रोया...

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11 Comments

Babita patel

02-Oct-2023 10:50 AM

Amazing

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SABIRKHAN PATHAN

07-Oct-2023 03:15 PM

शुक्रिया

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kashish

02-Oct-2023 10:14 AM

ला जवाब

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SABIRKHAN PATHAN

07-Oct-2023 03:16 PM

शुक्रिया

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SABIRKHAN PATHAN

07-Oct-2023 03:17 PM

शुक्रिया

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बेहतरीन अभिव्यक्ति

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SABIRKHAN PATHAN

07-Oct-2023 03:17 PM

शुक्रिया

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SABIRKHAN PATHAN

07-Oct-2023 03:17 PM

शुक्रिया

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